Sukanya Samriddhi Yojana Rules: बेटी के नाम जमा कर रहे हैं पैसा? सुकन्या योजना के नियम न जानें तो हो सकता है नुकसान

अगर आप भी अपनी बेटी के नाम से Sukanya Samriddhi Yojana (SSY) का खाता चला रहे हैं, तो यह लेख आपको पूरा पढ़ना चाहिए। आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ छोटी-छोटी गलतियां भी पूरे रिटर्न को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए ज़रूरी है कि आप हर नियम को समझें और फिर ही निवेश करें।

Sukanya Samriddhi Yojana Rules: बेटी की उम्र का पहला नियम

इस योजना के तहत खाता सिर्फ तभी खोला जा सकता है जब बेटी की उम्र 10 साल से कम हो। यह नियम सबसे जरूरी है, क्योंकि इसके आधार पर ही आपकी निवेश (Investment) अवधि और मैच्योरिटी तय होती है। कुछ मामलों में सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार 1 साल तक का ग्रेस पीरियड भी दिया जाता है, लेकिन वह विशेष परिस्थितियों में लागू होता है। अगर आपने इस सीमा के बाद खाता खुलवाया है, तो भविष्य में ब्याज भुगतान से वंचित रह सकते हैं।

हर साल तय समय पर पैसा जमा करना

सुकन्या योजना में हर वित्तीय वर्ष कम से कम ₹250 जमा करना जरूरी होता है। अधिकतम सीमा ₹1.5 लाख है। लेकिन अगर आप समय पर न्यूनतम राशि जमा नहीं करते हैं, तो खाता ‘डिफॉल्ट’ हो सकता है। ऐसे में उस साल के लिए सिर्फ सेविंग्स अकाउंट के बराबर ब्याज मिलेगा। साथ ही ₹50 का जुर्माना और पिछला बकाया भी देना पड़ सकता है।

पैसे निकालने के नियम

कई लोग सोचते हैं कि बेटी की पढ़ाई या शादी के लिए जब चाहें पैसे निकाल सकते हैं, लेकिन सच्चाई इससे अलग है। योजना के नियमों के मुताबिक, जब बेटी 18 साल की हो जाए और उसका दाखिला किसी उच्च शिक्षा संस्थान में हो, तभी 50% रकम निकाली जा सकती है। इसके लिए एडमिशन लेटर और कॉलेज से जुड़ा प्रूफ देना अनिवार्य है। वहीं शादी के मामले में खाता खुलने के कम से कम 18 साल बाद, और शादी की तारीख से 1 महीने पहले से लेकर 3 महीने बाद तक ही निकासी की इजाजत होती है। अगर आपने समय का पालन नहीं किया, तो निकासी नहीं होगी।

निवेश की अवधि 15 साल, लेकिन खाता चलता है 21 साल तक

यह एक और नियम है जो लोगों को भ्रमित करता है। इस योजना में पैसे केवल 15 साल तक ही जमा करने होते हैं। उसके बाद खाता बंद नहीं होता, बल्कि अगले 6 वर्षों तक जमा की गई राशि पर ब्याज मिलता रहता है। यानी 21वें साल में ही जाकर पूरा पैसा वापस मिलेगा। कुछ लोग 15 साल के बाद ही पैसा वापस लेने की सोचते हैं, जो नियमों के विरुद्ध है और रिटर्न पर असर डालता है।

अगर बेटी बन जाए NRI, तो क्या होगा?

यह बात कम ही लोगों को पता होती है कि अगर खाता धारक बच्ची भविष्य में NRI (गैर-निवासी भारतीय) बन जाती है, तो खाता तुरंत निष्क्रिय कर दिया जाएगा। और उस स्थिति के बाद जो भी ब्याज जुड़ा होगा, वो सरकार वापस ले सकती है। इसलिए अगर परिवार विदेश शिफ्ट करने की योजना में है, तो इस योजना को चुनने से पहले अच्छी तरह सोच लें।

ब्याज दरों में बदलाव और कर छूट की जानकारी भी जरूरी

यह योजना पूरी तरह टैक्स फ्री होती है और इसमें EEE (Exempt-Exempt-Exempt) लाभ मिलता है। यानी निवेश, ब्याज और मेच्योरिटी पर कोई टैक्स नहीं देना होता। लेकिन ब्याज दरें सरकार हर तिमाही में बदल सकती है। इसलिए निवेश करने से पहले यह जरूर जांच लें कि वर्तमान ब्याज दर क्या है और भविष्य में उसका रुख कैसा रहा है।

Sukanya Samriddhi Yojana निश्चित रूप से एक शानदार निवेश विकल्प है, लेकिन केवल तभी जब आप इसके हर नियम (Rules) को समझकर चलते हैं। बेटी के भविष्य की सुरक्षा के लिए उठाया गया यह कदम तभी सफल होता है जब उसमें जागरूकता और समझदारी भी हो। आयु, जमा की नियमितता, निकासी की समयसीमा और NRI जैसी शर्तों को नजरअंदाज करना आगे चलकर आपकी मेहनत पर पानी फेर सकता है। इसलिए निवेश करने से पहले हर पहलू को जांचें, तब ही उठाएं अगला कदम।

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